Ritesh Pandey

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चाँदनी की चाँद! 🌙

न होती चाँदनी प्रेयसी चाँद की 

चाँद बस पिंड भर रह जाता... 
न लगता प्रित कवियों से इसका !
न प्रेमियों का संचार कर पाता ! 
न आती चाँदनी राधा बनके 
न चाँद निशापति बन पाता ! 
न होती चाँदनी अगर 
कौन इसका कलंक गढ़ पाता! 
कैसे प्रियतम का प्रतिबिंब उभरता ! 
चाँदनी नहीं रोशनी चाँद की
चाँद रोशन है चाँदनी से...

   ~ रितेश पांडेय
    @riteshpandey_10

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16 Comments

Pankaj Pandey

22-Aug-2022 03:03 PM

Behtarin rachana

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Ritesh Pandey

22-Aug-2022 03:13 PM

Thanks😇

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shweta soni

22-Aug-2022 10:42 AM

बहुत सुंदर रचना 👌

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Ritesh Pandey

22-Aug-2022 01:40 PM

🙏❣️

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Aliya khan

22-Aug-2022 08:50 AM

Bahut khoob

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Ritesh Pandey

22-Aug-2022 01:40 PM

धन्यवाद! ❣️

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